Shiv chaisa Secrets
Shiv chaisa Secrets
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थोड़ा जल स्वयं पी लें और मिश्री प्रसाद के रूप में बांट दें।
योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। शारद नारद शीश नवावैं॥
लोकनाथं, शोक – शूल – निर्मूलिनं, शूलिनं मोह – तम – भूरि – भानुं ।
एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥
अथ श्री बृहस्पतिवार व्रत कथा
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै॥
अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन छार लगाये॥
अर्थ: जो कोई भी धूप, दीप, नैवेद्य चढाकर भगवान शंकर के सामने इस पाठ को सुनाता है, भगवान भोलेनाथ उसके जन्म-जन्मांतर के पापों का नाश करते हैं। अंतकाल में भगवान शिव के धाम शिवपुर अर्थात स्वर्ग की प्राप्ति more info होती है, उसे मोक्ष मिलता है। अयोध्यादास को प्रभु आपकी आस है, आप तो सबकुछ जानते हैं, इसलिए हमारे सारे दुख more info दूर करो भगवन।
प्रतिदिन शिव चालीसा का पाठ करने से आपके जीवन की कठनाईया दूर होती हैं ।
जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्तवास शिवपुर में पावे॥
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥
एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥
त्रयोदशी ब्रत करे हमेशा। तन नहीं ताके रहे कलेशा॥
पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक Shiv chaisa होम करावे ॥